
दुनिया की सबसे महंगी किताबें।
दुनिया में कुछ ऐसी किताबें हैं जो न सिर्फ अपनी अनोखी सामग्री के लिए जानी जाती हैं, बल्कि उनकी कीमत भी आसमान छूती है। इन किताबों की कीमतें इतनी ज्यादा क्यों होती हैं? इसका कारण होता है उनकी दुर्लभता, इतिहास और अनोखी विशेषताएं। आइए जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी किताबों के बारे में।
1. कोडेक्स लिसेस्टर (Codex Leicester) – ₹256 करोड़ (लगभग)
कोडेक्स लिसेस्टर, लियोनार्डो दा विंची की पांडुलिपियों का संग्रह है। यह किताब 1994 में बिल गेट्स द्वारा ₹256 करोड़ में खरीदी गई थी। इसमें विज्ञान, खगोल विज्ञान, और जल विज्ञान के विषय में लियोनार्डो के नोट्स शामिल हैं।
2. गुटेनबर्ग बाइबिल (Gutenberg Bible) – ₹45 करोड़ (लगभग)
गुटेनबर्ग बाइबिल दुनिया की सबसे पहली छपी हुई किताबों में से एक है। इसे 1455 में योहानेस गुटेनबर्ग ने प्रिंट किया था। इसकी दुर्लभता और ऐतिहासिक महत्व के कारण इसकी कीमत ₹45 करोड़ तक पहुंच गई।
3. बर्ड्स ऑफ़ अमेरिका (Birds of America) – ₹96 करोड़ (लगभग)
यह किताब जॉन जेम्स ऑडुबॉन द्वारा लिखी गई थी और इसमें उत्तरी अमेरिका के पक्षियों के खूबसूरत चित्रण और विवरण हैं। इसकी कीमत 2010 में ₹96 करोड़ तक पहुंच गई थी।
4. शेक्सपियर की पहली फोलियो (Shakespeare’s First Folio) – ₹83 करोड़ (लगभग)
1623 में प्रकाशित यह किताब शेक्सपियर के 36 नाटकों का पहला संग्रह है। इसकी ऐतिहासिक और साहित्यिक महत्व की वजह से इसे 2020 में ₹83 करोड़ में नीलाम किया गया था।
5. द बे ऑफ सेंट किल्डा (The Bay Psalm Book) – ₹118 करोड़ (लगभग)
यह 1640 में प्रिंट की गई पहली पुस्तक थी जो अमेरिका में प्रकाशित हुई थी। इसकी कीमत 2013 में ₹118 करोड़ तक पहुँच गई।
6. रोथ्सचाइल्ड प्रेयरबुक (Rothschild Prayerbook) – ₹113 करोड़ (लगभग)
यह एक शानदार प्रार्थना-पुस्तक है जिसमें 16वीं शताब्दी की अनोखी और रंग-बिरंगी चित्रकारी की गई है। इसे 2014 में ₹113 करोड़ में बेचा गया।
7. टेल्स ऑफ़ बीडल द बार्ड (The Tales of Beedle the Bard) – ₹33 करोड़ (लगभग)
जे.के. रोलिंग द्वारा हाथ से लिखी और चित्रित की गई यह किताब हैरी पॉटर की दुनिया से जुड़ी हुई है। इसे 2007 में ₹33 करोड़ में नीलाम किया गया।
क्यों होती हैं ये किताबें इतनी महंगी?
दुर्लभता (Rarity): ये किताबें बहुत ही कम संख्या में उपलब्ध होती हैं।
इतिहास (Historical Significance): ये किताबें ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होती हैं।
लेखकों की प्रसिद्धि (Author’s Fame): प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई होने की वजह से इनकी कीमत बढ़ जाती है।
कलात्मकता (Artistry): पुरानी किताबों में की गई हाथ से लिखावट और चित्रकारी भी कीमत को प्रभावित करती है।
निष्कर्ष
दुनिया की सबसे महंगी किताबें सिर्फ ज्ञान का स्रोत नहीं हैं, बल्कि ये कला और इतिहास की अनमोल धरोहर भी हैं। इनकी कीमतें उनकी अनोखी विशेषताओं और इतिहास से जुड़ी हुई होती हैं।