Description
यह पुस्तक बहुत सारे इतिहासकारों, शिक्षकों और शिक्षाविदों की मिली-जुली कोशिशों का नतीजा है। हर अध्याय के लेखन, चर्चा और संशोधन में महीनों का समय लगा है। हम उन सभी के प्रति आभार प्रकट करना चाहते हैं जिन्होंने इन प्रक्रियाओं में हिस्सा लिया।
इस पुस्तक के अध्यायों को बहुत सारे लोगों ने पढ़ा है और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी सलाह व मदद दी है। हम निगरानी समिति के सदस्यों को खासतौर से धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने अध्यायों की शुरुआत से लेकर उन पर टिप्पणियाँ दीं। मुकुंदम राय ने पाठ में कई संशोधन सुझाए, जी. अश्विनीन, गीता माथुर, मृणालिनी चौधरी, जयंत चटर्जीपाध्याय, समीता राय, संजना सिंह, इरा सुमनकला, वृन्दा रानी, मृणालिनी घोषाल, अनंत कुमार, वेक्टर विक्रम और रश्मिना ने अध्याय 8 में मदद दी। शरद महाजन ने हिंदी संस्करण लेखन में मदद की। नुन सैंजोंग ने अध्याय 3 के लिए विशेष प्रकार के पढ़ने की सामग्री में मदद दी।
बहुत सारे संस्थानों और व्यक्तियों का उत्तर हमारे लिए महत्वपूर्ण है जिनका योगदान और पठन बेहद महत्वपूर्ण रहा है। हम उनका ससम्मान आभार हैं। उनमें प्रमुख हैं: फोटोफाउंटेन डिजाइन; स्वदेश भवन फोटो आर्काइव, विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन; फोटो आर्काइव्स, अमेरिका दूतावास, नई दिल्ली; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली; नेहरू मेमोरियल म्यूजियम लाइब्रेरी, नई दिल्ली; सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज, कोलकाता; एशियाटिक कलेक्शन ऑफ द नेशनल लाइब्रेरी, कोलकाता; गोवा शिपिंग रिसर्च लाइब्रेरी ट्रस्ट, चेन्नई; इंडियन कलेक्शन, इंडियन इंटरनेशनल सेंटर; आर्काइव्स ऑफ इंडिया लेबर, वी.वी. गिरी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ लेबर, नई दिल्ली; फोटो आर्काइव्स, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद; त्रिनेत्रा ज्योतिष एवं जैन व सेलेक्टिव आर्काइव्स ने सुरक्षित चित्रों के अपने विशाल भंडार को देखने की पूरी अनुमति दी; पार्थिव शाह व उनके संघ ने कई चित्र उपलब्ध कराए।
प्रभु महाजन ने गिरिमेडिया मणिपुर के चित्र दिए; मृगांक आदम ने शिक्षकों की लाइब्रेरी से सामग्री उपलब्ध कराई; ज्योतिष चक्रवर्ती ने विश्वभारती लाइब्रेरी से तस्वीरों को ढूंढ कर के संकलित किया; असीम बनर्जी एवं पार्थ शील ने दिल्ली में फोटो अनुसंधान किया।
परिक्रमा की ओर से ब्रह्म शर्मा, सरिता किनोईत्री, डी.वी. अम्बेडकर; मनोज मोहन, यदवेंद्र कुमार यादव, कॉपी एडिटर ने अपना पूर्ण योगदान दिया। इनके हर समय में काम पूरा कर देने और पूरी परिशुद्धता में संग्रहित दिलचस्पी लेने के लिए हम सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
हमने इस पुस्तक से जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रयास किया है। अगर किसी का नाम भूलवश छूट गया हो तो हम उनसे क्षमा चाहते हैं।
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