Description
पर्यावरण अध्ययन परिप्रेक्ष का सामाजिक और भौतिक घटकों की अंतःक्रियाओं का अध्ययन है। वास्तव में ये घटक मिलकर ही हमारे संपूर्ण पर्यावरण का निर्माण करते हैं। सामाजिक घटकों में संस्कृति, भाषा, मूल्य, दर्शन तथा भौतिक/प्राकृतिक घटकों में हवा, पानी, मिट्टी, धूप, पशु-पक्षी, खनिज, जंगल, वनस्पति आदि शामिल किए जाते हैं।
पर्यावरण अध्ययन में हम एक ओर तो मानव और इसके द्वारा निर्मित समाज तथा सामाजिक क्रियाकलापों का अध्ययन करते हैं और दूसरी ओर प्रकृति एवं प्रकृति के घटक-पूणों के नियमों का अध्ययन करते हैं। पर्यावरण अध्ययन का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति एक सकारात्मक सोच एवं दृष्टिकोण के साथ-साथ सशक्तपूर्ण पारिस्थितिकी का निर्माण है। संपूर्ण जगत के जीवित एवं अजैवित तत्व के आत्मिक एवं पारस्परिक संबंधों को समझ बनाते हुए पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता, उन्हें सुलझाने का कौशल एवं भविष्य में उनको रोकथाम करने की क्षमता का विकास करना ही पर्यावरण अध्ययन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
प्रस्तुत जी.पी.एच. की पुस्तक “पर्यावरण अध्ययन (बी.ई.वी.ए.ई.-181)” पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन, पारिस्थित, जैव-विविधता तथा प्रदूषण की मूल अवधारणाओं को समझाने में सहायक है। इस पुस्तक में पर्यावरण से जुड़े सामाजिक मुद्दों तथा पर्यावरण पर पढ़ रहे मानव क्रियाकलाप के प्रभाव की चर्चा की गई है। इस प्रकार, यह पुस्तक पर्यावरण के बारे में उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराएगा।
इसके अध्ययन से पर्यावरणीय ज्ञान के मूल कारणों को ज्ञान होगा, जो पर्यावरण संरक्षण में हितकर सिद्ध होगा। प्रस्तुत पुस्तक की विषय-सामग्री को विस्तृत एवं जटिल उपवधों को तर्कपूर्ण एवं संभावी रूप में संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक की भाषा उपयुक्त, सरल एवं प्रवाहपूर्ण रखने का प्रयत्न किया गया है।
पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में अध्याय की भूमिका दी गई है जिससे छात्रों को अध्याय को समझने में सरलता होगी। पुस्तक में सेमेस्टर तथा अन्य प्रश्न पत्रों का समावेश किया गया है, जो छात्रों में एक अलग प्रकार का आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होंगे।
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