Description
1947 में देश आज़ाद हुआ। अंग्रेज़ भारत छोड़कर चले गए। किन्तु, अंग्रेज़ी भाषा को अपने आंसुओं से ही अंग्रेज़ इस देश में रोज़ी-रोटी देने वाली तथा सम्मान-प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली भाषा समझी जाती रही है। अंग्रेज़ों के देश छोड़कर चले जाने के बाद अंग्रेज़ी भाषा की व्याकरण और उपयोगिता में कोई कमी नहीं आयी है। देखने में तो यह आता है कि शहरों की सड़कों पर से सकड़ से होते गाँवों की गलियों से होते साधारण से साधारण व्यक्ति के मुख से अंग्रेज़ी में बोले गए शब्दों की गूंज सुनायी देने लगती है। ऐसे हालात में अंग्रेज़ी पढ़ने-लिखने, लिखने-सिखाने की ओर से आंखें बंद रखना अपने संतानों के प्रति अन्याय करना है। अंग्रेज़ी की उपादेयता-प्रसार तथा उससे मिलने वाले लाभ को देखते हुए वर्तमान परिस्थितियों में हमारे-आपके लिए शुद्ध अंग्रेज़ी बोलना, लिखना और पढ़ना आवश्यक बन जाता है।
वर्तमान में अंग्रेज़ी लिखने-सिखाने पर अनेक पुस्तकें बाज़ार में आ चुकी हैं। बिक भी रही हैं। फिर भी, एक ऐसी पुस्तक की आवश्यकता महसूस की जा रही थी जिसके अध्ययन-अध्यापन से शुद्ध अंग्रेज़ी बोलना, लिखना एवं पढ़ना आसानी से सीखा जा सके। यह पुस्तक उसी आवश्यकता को पूरा करने हेतु लिखी गई है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि एक मेहनत और साधारण लगन के साथ भी यदि इसका अध्ययन किया जाय तो साधारण से साधारण व्यक्ति भी थोड़े ही दिनों में शुद्ध-शुद्ध अंग्रेज़ी बोलना, लिखना एवं पढ़ना सीख सकता है।
ख्याति प्राप्त विद्वानों द्वारा यह पुस्तक कड़ी मेहनत के बाद तैयार की गई है। तैयार करने में पर्याप्त समय लगा है। बड़े घरानों की बात अलग है। साधारण घरों के विद्यार्थी पढ़-लिखकर भी हीन भावना से ग्रसित रहते हैं। नौकरी प्राप्त करने तथा दूसरों के बीच को अपना सा जीवन जीने हेतु चुनौती भरे जीवन के दौड़ में वह पीछे रह जाते हैं। यह पुस्तक, ऐसे लोगों को यह महसूस कराएगी कि वह भी जीवन की दौड़ के औरों से आगे निकलना चाहते हैं। अपनी ओर से यह पूरी कोशिश करें तो यह पुस्तक अधिक से अधिक उपयोगी सिद्ध हो।
इसकी अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि पुस्तक तैयार करते समय अंग्रेज़ी शब्द व वाक्य देवनागरी लिपि में भी दिए गए हैं। वह स्पष्ट रूप से अंग्रेज़ी के सही उच्चारण में आपकी पर्याप्त सहायता करें। अंग्रेज़ी में बातचीत करने समय होने वाली अड़चनों को बिल्कुल समाप्त कर दे। अंग्रेज़ी बोलते समय अंग्रेज़ी भाषा पर भी आपका ख़ासा अधिकार हो जाये। रटने-रटाने की उतनी आवश्यकता नहीं है जितनी ध्यान से समझ कर पढ़ने की। नियमित अभ्यास करने से इसके अध्ययन-अध्यापन से अंग्रेज़ी भाषा पर आपका पूर्णाधिकार हो जाएगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
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